जब कोई व्यक्ति गाँव से
पहली बार शहर आता है
और रोजगार की तलाश में
सड़क नापता फिरता है
तो शहर का हर व्यक्ति
उसे बड़ा नजर आता है
छोटी सी झोपडी भी उसे
बड़ा मकान नजर आता है
पर जैसे ही रोजगार पा जाताहै
और साइकिल पे चढ़ जाता है
तो फिर खुद को पैदल यात्रियों से
खुद को सुपर्ब नजर आता है ,
और फिर जब साइकिल से
स्कूटर पर सवार हो जाता है
जमीन से एक फुट ऊँचा हो
साइकिल वालों को धकियाता है
और जैसे ही कार पा जाता है
तो जमीन से दो फिट उठ जाता है
तो फिर साइकिल ,स्कूटर वालों को
मक्खी और मच्छर बताता है ,
जब हवाई जहाज में बैठ जाता है
दिमाग चौथे आसमान चढ़ जाता है
फिर वो किसी को कुछ नहीं समझता
और फिर ओंधे मुंह गिर जाता है ,
पहली बार शहर आता है
और रोजगार की तलाश में
सड़क नापता फिरता है
तो शहर का हर व्यक्ति
उसे बड़ा नजर आता है
छोटी सी झोपडी भी उसे
बड़ा मकान नजर आता है
पर जैसे ही रोजगार पा जाताहै
और साइकिल पे चढ़ जाता है
तो फिर खुद को पैदल यात्रियों से
खुद को सुपर्ब नजर आता है ,
और फिर जब साइकिल से
स्कूटर पर सवार हो जाता है
जमीन से एक फुट ऊँचा हो
साइकिल वालों को धकियाता है
और जैसे ही कार पा जाता है
तो जमीन से दो फिट उठ जाता है
तो फिर साइकिल ,स्कूटर वालों को
मक्खी और मच्छर बताता है ,
जब हवाई जहाज में बैठ जाता है
दिमाग चौथे आसमान चढ़ जाता है
फिर वो किसी को कुछ नहीं समझता
और फिर ओंधे मुंह गिर जाता है ,