टैक्स रेशो ज्यादा होने से भ्र्ष्टाचार बढ़ेगा
जिस देश के वित्त मंत्री और प्रधान मंत्री को इतनी समझ भी ना हो की जिस देश में बहुत अधिक टैक्स होते हैं वहां पर भ्र्ष्टाचार बहुत होतें हैं क्योँकि ज्यादा टैक्स का वितरण करने में ना तो सरकार नाहीं सरकारी अफसर को और नाहीं व्यापारी को ,कोई परेशानी नहीं होती क्योँकि सब मिल बांटकर अपना अपना हिस्सा ले लेते हैं और काम वैसे ही चलता रहता है जैसे की पहले चलता था ,
हाँ यदि टैक्स थोड़ा हो जैसे कि पहले था ५ % तो उसकों ये तीनो किस प्रकार बांटते ,इसलिए भ्र्ष्टाचार अब से पहले काम था क्योँकि एक कहावत है जब कुछ है ही नहीं तो "क्या नंगा नहायेगा और क्या निचोड़ेगा
तो आदरणीय वित्त मंत्री जी इन टैक्सेज को कम करिये ताकि भ्र्ष्टाचार न हों और फिर सरकार को रेवेन्यू भी बहुत मिलेगा ,
अब आप बहार के देशों को देखिये वहां पर भ्र्ष्टाचार बहुत कम है क्योँकि वहां पर टैक्सेज कम हैं